मत्ती 26

ईसा ने जवाब दिया, “जी, तुम ने ख़ुद कहा है।”

फ़सह का आख़िरी खाना

26खाने के दौरान ईसा ने रोटी ले कर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उसे टुकड़े करके शागिर्दों को दे दिया। उस ने कहा, “यह लो और खाओ। यह मेरा बदन है।”

27फिर उस ने मै का पियाला ले कर शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उसे उन्हें दे कर कहा, “तुम सब इस में से पियो। 28यह मेरा ख़ून है, नए अह्द का वह ख़ून जो बहुतों के लिए बहाया जाता है ताकि उन के गुनाहों को मुआफ़ कर दिया जाए। 29मैं तुम को सच्च बताता हूँ कि अब से मैं अंगूर का यह रस नहीं पियूँगा, क्यूँकि अगली दफ़ा इसे तुम्हारे साथ अपने बाप की बादशाही में ही पियूँगा।”

30फिर एक ज़बूर गा कर वह निकले और ज़ैतून के पहाड़ के पास पहुँचे।