यशायाह 52

ज़न्जीरों को तोड़!

1ऐ सिय्यून, उठ, जाग उठ! अपनी ताक़त से मुलब्बस हो जा! ऐ मुक़द्दस शहर यरूशलम, अपने शानदार कपड़े से आरास्ता हो जा! आइन्दा कभी भी ग़ैरमख़्तून या नापाक शख़्स तुझ में दाख़िल नहीं होगा। 2ऐ यरूशलम, अपने आप से गर्द झाड़कर खड़ी हो जा और तख़्त पर बैठ जा। ऐ गिरिफ़्तार की हुई सिय्यून बेटी, अपनी गर्दन की ज़न्जीरों को खोल कर उन से आज़ाद हो जा! 3क्यूँकि रब्ब फ़रमाता है, “तुम्हें मुफ़्त में बेचा गया, और अब तुम्हें पैसे दिए बग़ैर छुड़ाया जाएगा।”

4क्यूँकि रब्ब क़ादिर-ए-मुतलक़ फ़रमाता है, “क़दीम ज़माने में मेरी क़ौम मिस्र चली गई ताकि वहाँ परदेस में रहे। बाद में असूर ने बिलावजह उस पर ज़ुल्म किया है।” 5रब्ब फ़रमाता है, “अब जो ज़ियादती मेरी क़ौम से हो रही है उस का मेरे साथ क्या वास्ता है?” रब्ब फ़रमाता है, “मेरी क़ौम तो मुफ़्त में छीन ली गई है, और उस पर हुकूमत करने वाले शेख़ी मार कर पूरा दिन मेरे नाम पर कुफ़्र बकते हैं। 6चुनाँचे मेरी क़ौम मेरे नाम को जान लेगी, उस दिन वह पहचान लेगी कि मैं ही वही हूँ जो फ़रमाता है, ‘मैं हाज़िर हूँ’!”

7उस के क़दम कितने पियारे हैं जो पहाड़ों पर चलते हुए ख़ुशख़बरी सुनाता है। क्यूँकि वह अम्न-ओ-अमान, ख़ुशी का पैग़ाम और नजात का एलान करेगा, वह सिय्यून से कहेगा, “तेरा ख़ुदा बादशाह है!” 8सुन! तेरे पहरेदार आवाज़ बुलन्द कर रहे हैं, वह मिल कर ख़ुशी के नारे लगा रहे हैं। क्यूँकि जब रब्ब कोह-ए-सिय्यून पर वापस आएगा तो वह अपनी आँखों से इस का मुशाहदा करेंगे।

9ऐ यरूशलम के खंडरात, शादियाना बजाओ, ख़ुशी के गीत गाओ! क्यूँकि रब्ब ने अपनी क़ौम को तसल्ली दी है, उस ने इवज़ाना दे कर यरूशलम को छुड़ाया है। 10रब्ब अपनी मुक़द्दस क़ुद्रत तमाम अक़्वाम पर ज़ाहिर करेगा, दुनिया की इन्तिहा तक सब हमारे ख़ुदा की नजात देखेंगे।

11जाओ, चले जाओ! वहाँ से निकल जाओ! किसी भी नापाक चीज़ को न छूना। जो रब्ब का सामान उठाए चल रहे हैं वह वहाँ से निकल कर पाक-साफ़ रहें। 12लेकिन लाज़िम नहीं कि तुम भाग कर रवाना हो जाओ। तुम्हें अचानक फ़रार होने की ज़रूरत नहीं होगी, क्यूँकि रब्ब तुम्हारे आगे भी चलेगा और तुम्हारे पीछे भी। यूँ इस्राईल का ख़ुदा दोनों तरफ़ से तुम्हारी हिफ़ाज़त करेगा।

रब्ब का पैग़म्बर हमारे गुनाहों को उठाएगा

13देखो, मेरा ख़ादिम काम्याब होगा। वह सरबुलन्द, मुम्ताज़ और बहुत सरफ़राज़ होगा। 14तुझे देख कर बहुतों के रोंगटे खड़े हो गए। क्यूँकि उस की शक्ल इतनी ख़राब थी, उस की सूरत किसी भी इन्सान से कहीं ज़ियादा बिगड़ी हुई थी। 15लेकिन अब बहुत सी क़ौमें उसे देख कर हक्का-बक्का हो जाएँगी, बादशाह दम-ब-ख़ुद रह जाएँगे। क्यूँकि जो कुछ उन्हें नहीं बताया गया उसे वह देखेंगे, और जो कुछ उन्हों ने नहीं सुना उस की उन्हें समझ आएगी।