Genesis12:1-8
पैदाइश 12
अब्राम की बुलाहट
1रब्ब ने अब्राम से कहा, “अपने वतन, अपने रिश्तेदारों और अपने बाप के घर को छोड़कर उस मुल्क में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊँगा।
2मैं तुझ से एक बड़ी क़ौम बनाऊँगा, तुझे बर्कत दूँगा और तेरे नाम को बहुत बढ़ाऊँगा। तू दूसरों के लिए बर्कत का बाइस होगा।
3जो तुझे बर्कत देंगे उन्हें मैं भी बर्कत दूँगा। जो तुझ पर लानत करेगा उस पर मैं भी लानत करूँगा। दुनिया की तमाम क़ौमें तुझ से बर्कत पाएँगी।”
4अब्राम ने रब्ब की सुनी और हारान से रवाना हुआ। लूत उस के साथ था। उस वक़्त अब्राम 75 साल का था।
5उस के साथ उस की बीवी सारय और उस का भतीजा लूत थे। वह अपने नौकर-चाकरों समेत अपनी पूरी मिल्कियत भी साथ ले गया जो उस ने हारान में हासिल की थी। चलते चलते वह कनआन पहुँचे।
6अब्राम उस मुल्क में से गुज़र कर सिकम के मक़ाम पर ठहर गया जहाँ मोरिह के बलूत का दरख़्त था। उस ज़माने में मुल्क में कनआनी क़ौमें आबाद थीं।
7वहाँ रब्ब अब्राम पर ज़ाहिर हुआ और उस से कहा, “मैं तेरी औलाद को यह मुल्क दूँगा।” इस लिए उस ने वहाँ रब्ब की ताज़ीम में क़ुर्बानगाह बनाई जहाँ वह उस पर ज़ाहिर हुआ था।
8वहाँ से वह उस पहाड़ी इलाक़े की तरफ़ गया जो बैत-एल के मशरिक़ में है। वहाँ उस ने अपना ख़ैमा लगाया। मग़रिब में बैत-एल था और मशरिक़ में अई। इस जगह पर भी उस ने रब्ब की ताज़ीम में क़ुर्बानगाह बनाई और रब्ब का नाम ले कर इबादत की।
Genesis15:1-6
पैदाइश 15
अब्राम के साथ रब्ब का अह्द
1इस के बाद रब्ब रोया में अब्राम से हमकलाम हुआ, “अब्राम, मत डर। मैं ही तेरी सिपर हूँ, मैं ही तेरा बहुत बड़ा अज्र हूँ।”
2लेकिन अब्राम ने एतिराज़ किया, “ऐ रब्ब क़ादिर-ए-मुतलक़, तू मुझे क्या देगा जबकि अभी तक मेरे हाँ कोई बच्चा नहीं है और इलीअज़र दमिश्क़ी मेरी मीरास पाएगा।
3तू ने मुझे औलाद नहीं बख़्शी, इस लिए मेरे घराने का नौकर मेरा वारिस होगा।”
4तब अब्राम को अल्लाह से एक और कलाम मिला। “यह आदमी इलीअज़र तेरा वारिस नहीं होगा बल्कि तेरा अपना ही बेटा तेरा वारिस होगा।”
5रब्ब ने उसे बाहर ले जा कर कहा, “आस्मान की तरफ़ देख और सितारों को गिनने की कोशिश कर। तेरी औलाद इतनी ही बेशुमार होगी।”
6अब्राम ने रब्ब पर भरोसा रखा। इस बिना पर अल्लाह ने उसे रास्तबाज़ क़रार दिया।
Genesis17:1-7
पैदाइश 17
अह्द का निशान : ख़तना
1जब अब्राम 99 साल का था तो रब्ब उस पर ज़ाहिर हुआ। उस ने कहा, “मैं अल्लाह क़ादिर-ए-मुतलक़ हूँ। मेरे हुज़ूर चलता रह और बेइल्ज़ाम हो।
2मैं तेरे साथ अपना अह्द बाँधूँगा और तेरी औलाद बहुत ही ज़ियादा बढ़ा दूँगा।”
3अब्राम मुँह के बल गिर गया, और अल्लाह ने उस से कहा,
4“मेरा तेरे साथ अह्द है कि तू बहुत क़ौमों का बाप होगा।
5अब से तू अब्राम यानी ‘अज़ीम बाप’ नहीं कहलाएगा बल्कि तेरा नाम इब्राहीम यानी ‘बहुत क़ौमों का बाप’ होगा। क्यूँकि मैं ने तुझे बहुत क़ौमों का बाप बना दिया है।
6मैं तुझे बहुत ही ज़ियादा औलाद बख़्श दूँगा, इतनी कि क़ौमें बनेंगी। तुझ से बादशाह भी निकलेंगे।
7मैं अपना अह्द तेरे और तेरी औलाद के साथ नसल-दर-नसल क़ाइम करूँगा, एक अबदी अह्द जिस के मुताबिक़ मैं तेरा और तेरी औलाद का ख़ुदा हूँगा।