यशायाह 12
बचे हुओं की हम्द-ओ-सना
1उस दिन तुम गीत गाओगे,
“ऐ रब्ब, मैं तेरी सिताइश करूँगा! यक़ीनन तू मुझ से नाराज़ था, लेकिन अब तेरा ग़ज़ब मुझ पर से दूर हो जाए और तू मुझे तसल्ली दे।
2अल्लाह मेरी नजात है। उस पर भरोसा रख कर मैं दह्शत नहीं खाऊँगा। क्यूँकि रब्ब ख़ुदा मेरी क़ुव्वत और मेरा गीत है, वह मेरी नजात बन गया है।”
3तुम शादमानी से नजात के चश्मों से पानी भरोगे।
4उस दिन तुम कहोगे, “रब्ब की सिताइश करो! उस का नाम ले कर उसे पुकारो! जो कुछ उस ने किया है दुनिया को बताओ, उस के नाम की अज़्मत का एलान करो।
5रब्ब की तम्जीद का गीत गाओ, क्यूँकि उस ने ज़बरदस्त काम किया है, और इस का इल्म पूरी दुनिया तक पहुँचे।
6ऐ यरूशलम की रहने वाली, शादियाना बजा कर ख़ुशी के नारे लगा! क्यूँकि इस्राईल का क़ुद्दूस अज़ीम है, और वह तेरे दर्मियान ही सुकूनत करता है।