अहबार 3
सलामती की क़ुर्बानी
1अगर कोई रब्ब को सलामती की क़ुर्बानी पेश करने के लिए गाय या बैल चढ़ाना चाहे तो वह जानवर बेऐब हो। 2वह अपना हाथ जानवर के सर पर रख कर उसे मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर ज़बह करे। हारून के बेटे जो इमाम हैं उस का ख़ून क़ुर्बानगाह के चार पहलूओं पर छिड़कें। 3-4 पेश करने वाला अंतड़ियों पर की सारी चर्बी, गुर्दे उस चर्बी समेत जो उन पर और कमर के क़रीब होती है और जोड़कलेजी जलने वाली क़ुर्बानी के तौर पर रब्ब को पेश करे। इन चीज़ों को गुर्दों के साथ ही अलग करना है। 5फिर हारून के बेटे यह सब कुछ भस्म होने वाली क़ुर्बानी के साथ क़ुर्बानगाह की लकड़ियों पर जला दें। यह जलने वाली क़ुर्बानी है, और इस की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है। 6अगर सलामती की क़ुर्बानी के लिए भेड़-बक्रियों में से जानवर चुना जाए तो वह बेऐब नर या मादा हो।
7अगर वह भेड़ का बच्चा चढ़ाना चाहे तो वह उसे रब्ब के सामने ले आए। 8वह अपना हाथ उस के सर पर रख कर उसे मुलाक़ात के ख़ैमे के सामने ज़बह करे। हारून के बेटे उस का ख़ून क़ुर्बानगाह के चार पहलूओं पर छिड़कें। 9-10 पेश करने वाला चर्बी, पूरी दुम, अंतड़ियों पर की सारी चर्बी, गुर्दे उस चर्बी समेत जो उन पर और कमर के क़रीब होती है और जोड़कलेजी जलने वाली क़ुर्बानी के तौर पर रब्ब को पेश करे। इन चीज़ों को गुर्दों के साथ ही अलग करना है। 11इमाम यह सब कुछ रब्ब को पेश करके क़ुर्बानगाह पर जला दे। यह ख़ुराक जलने वाली क़ुर्बानी है।
12अगर सलामती की क़ुर्बानी बक्री की हो 13तो पेश करने वाला उस पर हाथ रख कर उसे मुलाक़ात के ख़ैमे के सामने ज़बह करे। हारून के बेटे जानवर का ख़ून क़ुर्बानगाह के चार पहलूओं पर छिड़कें। 14-15 पेश करने वाला अंतड़ियों पर की सारी चर्बी, गुर्दे उस चर्बी समेत जो उन पर और कमर के क़रीब होती है और जोड़कलेजी जलने वाली क़ुर्बानी के तौर पर रब्ब को पेश करे। इन चीज़ों को गुर्दों के साथ ही अलग करना है। 16इमाम यह सब कुछ रब्ब को पेश करके क़ुर्बानगाह पर जला दे। यह ख़ुराक जलने वाली क़ुर्बानी है, और इस की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है।
सारी चर्बी रब्ब की है। 17तुम्हारे लिए ख़ून या चर्बी खाना मना है। यह न सिर्फ़ तुम्हारे लिए मना है बल्कि तुम्हारी औलाद के लिए भी, न सिर्फ़ यहाँ बल्कि हर जगह जहाँ तुम रहते हो।”